Rahu in first house in Hindi | राहु पहले भाव में

वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को बहुत महत्ता दी गई है। या छाया ग्रह माना जाता है इस कारण इसे शनि के समान परिणाम देने वाला माना गया है। इस ग्रह के परिणाम स्वरूप व्यक्ति कई बार जुनूनी और सनकी भी हो जाते हैं।

राहु राक्षस ग्रह की श्रेणी में आता है जिस कारण यह व्यक्ति को कई बार मतलबी और सिर्फ अपने बारे में सोचने वाला बना देता है। वैदिक ज्योतिष में राहु की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया है।

आमतौर पर हर व्यक्ति राहु के प्रथम भाव पर होने से घबराता है। मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताऊंगा कि अगर राहु आपके कुंडली के प्रथम भाव में हो तो क्या सचमुच आपको घबराना चाहिए या नहीं? मैं आपको बताऊंगा कि राहु आपकी कुंडली के प्रथम भाव में हो तो क्या ऐसा परिणाम देता है इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

Rahu In First House In Hindi | राहु पहले भाव में

हमारी कुंडली का पहला भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह हमारे शरीर को दर्शाता है। अगर शरीर हमारा सुरक्षित है तभी जीवन में अन्य चीजें आपके काम आ सकती है। पहले भाव से व्यक्ति की शारीरिक फिटनेस, स्वास्थ्य, बुद्धि तथा मान सम्मान का होता है।

अगर कुंडली के प्रथम भाव में राहु हो तो ऐसे व्यक्ति का सिर बड़ा होने की संभावना रहती है। इनकी लंबाई भी अच्छी होती है। ऐसे लोग योजना बनाने में निपुण होते हैं। अगर आप इन से मिलेंगे तो यह आपको प्रत्येक दिन नई नई योजनाएं सुनाने की क्षमता रखते हैं।

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इनके द्वारा बनाई गई योजना पर यह सही तरीके से अमल नहीं कर पाते जिस कारण इन्हें सफलता मिलने में समस्या आती है। ये प्रत्येक दिन नई योजना बनाते हैं और उस पर थोड़ा सा काम करके उसे अधूरा छोड़ देते हैं।

प्रथम भाव में राहु होने से व्यक्ति साहसी और बहादुर होता है। ऐसे व्यक्ति जीवन में कभी जोखिम लेने से डर नहीं लगता और वह किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार होता है। इनकी वाद विवाद में रूचि होती है और यह तर्क वितर्क में जीतना ही पसंद करते हैं।

इनकी बुद्धि विश्लेषणात्मक होती है और यह सदैव ही अपने दुश्मनों पर जीत हासिल करना चाहते हैं। इन के सपनों को इससे फर्क नहीं पड़ता कि इनका जन्म कैसी परिस्थिति में हुआ है। यह सपने देखने से नहीं कतराते और साथ ही साथ उन्हें पूरा करने की क्षमता भी रखते हैं बस उसके लिए इन्हें संयम के साथ मेहनत करनी होती है।

प्रथम भाव में राहु हो तो व्यक्ति खाने का शौकीन होता है और वह जीवन में नई नई चीजों का आनंद लेना चाहता है। अगर इनके जीवन में कोई प्रतिबंध लगाता है तब इन्हें समस्या होती है। ऐसे व्यक्ति के साथ कभी नहीं रह सकते जो इन्हें बांध  कर रखना चाहे इससे बेहतर वे अकेले रहना पसंद करेंगे।

यह लोग भाग्यशाली होते हैं साथ ही साथ इनकी कामेच्छा हमेशा चरम पर रहती है। इन्हें जिंदगी काटनी नहीं होती बल्कि उसे जीना होता है जिसके लिए यह नए नए अनुभव करने के लिए तैयार रहते हैं। इन्हें जिंदगी में सब कुछ करना होता है। यह एक या दो चीज से संतोष नहीं कर पाते।

राहु पहले भाव की कुछ बुराइयां

अगर कुंडली के पहले भाव में राहु हो तो वह व्यक्ति को योजनाओं में निपुण बनाता है लेकिन वह अपनी योजनाओं पर ज्यादा देर टिक नहीं पाते। इनके मन पर रोज नए नए विचार आते हैं और यह एक दूसरे के पीछे भागते रह जाते हैं। इनके लिए चुनना कठिन होता है कि कौन सा कार्य इनके लिए बेहतर है।

पहले भाव का राहु व्यक्ति को आत्म केंद्रित और मतलबी बना देता है। कई बार ऐसे लोग अपने अच्छा करने के लिए दूसरे का बुरा भी कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि इन्हें समाज में रहने की समझ नहीं होती बल्कि समाज में बहुत अच्छा स्तर प्राप्त करते हैं।

अगर राहु अच्छी राशि पर ना बैठा हो तो कई बार ऐसे लोग धोखेबाज और बेईमान होते हैं साथ ही इनके मन में सही गलत की लड़ाई चलती रहती है। यह इनके लिए अच्छा संकेत नहीं है।

पहले भाव में राहु के उपाय

जिस व्यक्ति की कुंडली के पहले भाव में राहु हो तो उन्हें ऊपर बताई गई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए अब मैं आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहा हूं जिनको करके आप अपने राहु से अच्छे परिणाम भी ले सकते हैं।

1 अगर आप राहु के प्रभावों से परेशान हैं या राहु की दशा चल रही है तो आपको राहु मंत्र का जाप करना चाहिए।

2 अगर आप चाहते हैं कि राहु आपके लिए बेहतर परिणाम देने लगे तो आपको पक्षियों को प्रतिदिन दाना डालना चाहिए। ऐसा करने से आपको राहु के बुरे परिणामों से छुटकारा प्राप्त हो सकता है।

3 हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी राहु के बुरे प्रभावों से आपको छुटकारा मिलता है।